यादों में बसा कर साँसों में समां कर
बातों में जिला कर या धड़कन बना कर
क्या तरीका होगा कि मोहब्बत तेरी
जीने मरने के फेरे से जुदा कर पाउँ
कोई मंजिल नही कोई हासिल नही
साथ तेरा बस चलने का सबब है मेरे
क्या तरीका होगा कि राही को अपने
सफर के बाद भी कभी यूँ ही संग चला पाउँ
कुछ मुझ सा कुछ उस जैसा दिखता है तू
कुछ चाहत मेरी कुछ मेरी इबादत है
क्या तरीका होगा होगा कि एका हो पाए
या खुदा बने इंसा या मैं खुदा हो पाउँ
मुमकिन नही लेकिन साँसो की डोर तोड़ पाना
मुश्किल है किसी राही को भी अपनी राह छोड़ पाना
क्या हो पाएगा खुदा भी मुझ सा मनमौजी
आवारगी को भी तेड़ा है खुदा हो जाना
तो चलो यूँ करते हैं
कि हो कर दूज़े का ख़ुद को धागों से आज़ाद करते हैं
किसी मोड़ पर तो एक होंगी ये दो राहें
चलते चलते कदमों में बस उसकी राह तकते हैं
सुना है न मैंने खुदा को न मुझको खुदा ने देखा
तो हम भी एक दूज़े को बस 'एक अजनबी' रहते हैं
तो हम भी एक दूज़े को बस ..........
Wednesday, March 31, 2010
an awful joke
मैं तो जिंदा था कि
पूरी कर जाऊँ हर तमन्ना उसकी
उसने माँगा भी
तो मुझसे जुदाई माँगी
थाम हाथ साथ निभाता
बेमंज़िल राहों पर कदम मिलाता
बना साया मेरा पर उसने
अपने लिए खुदाई माँगी
साँसों को क्या डर था
धड़कन से बेवफाई का
जो अपनी हर मुस्कुराहट पर
मेरे आंसुओं कि कुर्बानी माँगी
उनसे जिंदा था मेरा वज़ूद
क्यों उन्हें ख़ुद पर नही यकीं
पहचानने खुद को परायी आँखों में
मुझसे मेरे होने कि निशानी माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
मिलाया मुझको मेरे अजनबी से
और मुझसे मेरी जुदाई माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
छिटके रंग सारे मेरी किताब में
और मुझसे मेरी कहानी माँगी
पूरी कर जाऊँ हर तमन्ना उसकी
उसने माँगा भी
तो मुझसे जुदाई माँगी
थाम हाथ साथ निभाता
बेमंज़िल राहों पर कदम मिलाता
बना साया मेरा पर उसने
अपने लिए खुदाई माँगी
साँसों को क्या डर था
धड़कन से बेवफाई का
जो अपनी हर मुस्कुराहट पर
मेरे आंसुओं कि कुर्बानी माँगी
उनसे जिंदा था मेरा वज़ूद
क्यों उन्हें ख़ुद पर नही यकीं
पहचानने खुद को परायी आँखों में
मुझसे मेरे होने कि निशानी माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
मिलाया मुझको मेरे अजनबी से
और मुझसे मेरी जुदाई माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
छिटके रंग सारे मेरी किताब में
और मुझसे मेरी कहानी माँगी
incomplete desire
एक हसरत थी की हसरत की हसरत बन पायें ,दुआ मेरी कभी मेरे नाम को सदायें दे
मेरे खुदा ने मेरी बातें तो रखी ,बस हर उस दुआ को हसरत बना दिया
एक हसरत थी की बस देखता रहूँ उसको डूबा, धड़कने बातें करें यूँ की साँसों के अल्फाज़ बने
खामोशी भी मिली, बातें भी हुई ,बस ख्वाबों को हकीकत ने फसाना सुना दिया
एक हसरत थी की यूँ ही, जरा फासले तक साथ चलें,कुछ दो निशनो को एक बना जायें
सफर भी मिला , निशान भी लगे बनने ,बस हवाओं ने लहरो को भी हमसफर बना दिया
एक हसरत थी की आखरी साँसे उसके दामन में बीतें,
और बची ज़िन्दगी को इन लम्हों का बहाना हो
बहाना भी वही ,तमन्ना भी वही,
बस उसने मेरी साँसों को अपना बता दिया
मेरे खुदा ने मेरी बातें तो रखी ,बस हर उस दुआ को हसरत बना दिया
एक हसरत थी की बस देखता रहूँ उसको डूबा, धड़कने बातें करें यूँ की साँसों के अल्फाज़ बने
खामोशी भी मिली, बातें भी हुई ,बस ख्वाबों को हकीकत ने फसाना सुना दिया
एक हसरत थी की यूँ ही, जरा फासले तक साथ चलें,कुछ दो निशनो को एक बना जायें
सफर भी मिला , निशान भी लगे बनने ,बस हवाओं ने लहरो को भी हमसफर बना दिया
एक हसरत थी की आखरी साँसे उसके दामन में बीतें,
और बची ज़िन्दगी को इन लम्हों का बहाना हो
बहाना भी वही ,तमन्ना भी वही,
बस उसने मेरी साँसों को अपना बता दिया
Subscribe to:
Posts (Atom)