Thursday, April 1, 2010

i love my tears ohh 'the almighty' let it be mine

कोई रुसवाई, शिकायत, चाहत या आरज़ू नहीं मेरी
ऐ ज़िन्दगी मुझे आईने न दिखा
सूखी आँखों में कोई रंग, ख्वाब बाकी नहीं अब
ऐ ज़िन्दगी जगती रातों को न सुला
न मंज़िले सोच रखी हैं, न मील के पत्थरों से पहचान है
ऐ ज़िन्दगी मुझ पर मेरी आवारगी न जता

बस एक साया मेरे मानिंद, साथ मेरे भटकते कदम मिलाता है
कभी गिर पड़ता है साथ, कभी उठाने हाथ बढ़ाता है
कभी साथ आँखे नाम करता है , कभी तितलियों में ख़ुशी चुराता है
खुद से दूर होने की कोशिशों में जो, रफ्ता रफ्ता पास मेरे आता है

जो हो सके तो रहने दे उस साये को साथ ही मेरे
इस ख्वाब को हकीक़त की सुबह न दिखा
हँस लेने दे चटके कल की टूटी तस्वीरों पर
ऐ ज़िन्दगी अब किसी उम्मींदों में हमें न रुला

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