खामोश बातें , तन्हा रातें
भूली यादें, बिछड़ी मुलाकातें
याद आता है , तेरा साथ
जब तुम थे पास वो भूला सा अहसास
वो तेरा रूठना वो मेरा मनाना
वो छिपाना लोगों से, वो आँखों से जताना
बहुत कोशिश कर ली , यादों का साथ निभाने की
तुझे भुलाने की, रिश्तों को अहसास बनाने की
शब्दों का ये जादू अब सहा नहीं जाता
बहुत कुछ कहना है अब चुप रहा नहीं जाता
चलो एक बार फिर एक दूसरे को माफ़ करते हैं
बेमानी करते हैं दुनिया से, खुद से इन्साफ करते हैं
दगा करते हैं मौत से चलो ज़िन्दगी को चुनते हैं
करते हैं नई शुरुवात, ख्वाबों में मिलना छोड़
एक नया ख्वाब बुनते हैं
एक नया ख्वाब .........................
Monday, May 3, 2010
Monday, April 5, 2010
life is a drawing sheet, with no eraser
नाम से तेरे दिन थे मेरे, नाम से तेरे थी रातें
कभी बातों में बहाने थे, कभी बहानों में थी बातें
नाम नही है अब फिर भी
दिन है राते हैं, बहाने है, बाते हैं
थमा नही कुछ बस टूटा सा है
अब भी रेत फिसलती है, झोंकें आते जाते हैं
बस सूरज अब थकी रात को सुलाने आ जाता है
और अंधियारे में हम, वो सूखे ख्वाब छुपाते हैं
अक्सर ख़ामोशी, कह जाती है किस्से सारे
तो यूँ ही हम, बिन बहाने बस बतियाते हैं
खुछ खफा हैं तुझसे, कुछ नाराजगी खुद से
ये शिकायत नही , क्यों थम कर कुछ पल, कुछ लोग चले जाते हैं
बस एक गिला है , क्यों बटोर वो ख़्वाब सारे, ढेर यादें छोड़ जाते हैं
कभी बातों में बहाने थे, कभी बहानों में थी बातें
नाम नही है अब फिर भी
दिन है राते हैं, बहाने है, बाते हैं
थमा नही कुछ बस टूटा सा है
अब भी रेत फिसलती है, झोंकें आते जाते हैं
बस सूरज अब थकी रात को सुलाने आ जाता है
और अंधियारे में हम, वो सूखे ख्वाब छुपाते हैं
अक्सर ख़ामोशी, कह जाती है किस्से सारे
तो यूँ ही हम, बिन बहाने बस बतियाते हैं
खुछ खफा हैं तुझसे, कुछ नाराजगी खुद से
ये शिकायत नही , क्यों थम कर कुछ पल, कुछ लोग चले जाते हैं
बस एक गिला है , क्यों बटोर वो ख़्वाब सारे, ढेर यादें छोड़ जाते हैं
die every moment to live every moment
पंख न थे, उड़ने की चाहत थी मगर
तो हवाओं में ही हम कदम बढ़ाने लगे
धुंधली मंज़िल थी पर चलने की मोहब्बत में
चुन डगर अपनी, मील के पत्थरों से मंज़िल बनाने लगे
नींद गुम थी, रातों से भी हो गई थी यारी
कर सूखी आँखे नम, जागते पलों में सपने सजाने लगे
दर्द आया जब खुशियों के खातों से भी
छोड़ फ़िक्र जी कर उसके लिए, रोते रोते ही मुस्कुराने लगे
ठंडा था चिराग मेरा, अँधेरे रास आये उसको
करने रोशन नयी राहें, पुरानी यादें जलाने लगे
जीना हो हर पल, कर दोस्ती मौत से
तरीका जीने का समझने, क्यों साहिल तुझे इतने बहाने लगे
तो हवाओं में ही हम कदम बढ़ाने लगे
धुंधली मंज़िल थी पर चलने की मोहब्बत में
चुन डगर अपनी, मील के पत्थरों से मंज़िल बनाने लगे
नींद गुम थी, रातों से भी हो गई थी यारी
कर सूखी आँखे नम, जागते पलों में सपने सजाने लगे
दर्द आया जब खुशियों के खातों से भी
छोड़ फ़िक्र जी कर उसके लिए, रोते रोते ही मुस्कुराने लगे
ठंडा था चिराग मेरा, अँधेरे रास आये उसको
करने रोशन नयी राहें, पुरानी यादें जलाने लगे
जीना हो हर पल, कर दोस्ती मौत से
तरीका जीने का समझने, क्यों साहिल तुझे इतने बहाने लगे
Thursday, April 1, 2010
one little complain
नकाब हैं चहरे, हर चेहरा नकाब , बेवफाई के सौदे में वफ़ा का हिसाब
हर बनती उम्मीद पर टूटते कुछ ख्वाब, मुश्किल सवाल नामुमकिन से जवाब
बन कर मिटना या मिट कर बनना, बनाना खुद सा या उस जैसा ढलना
बेसबब मोहब्बत पर शर्तें फिर कसना, भूल सब कुछ हर भूल याद करना
खोया खुद को बस उसके हो के रह गए, थोड़ा रोये थोड़ा मुस्कुराते सह गए
झूटे नहीं तुम पर झूटा हर सच तेरा, वफ़ा के इनाम में वो हमें बेवफा कह गए
इबादात थी वो मेरी , मोहब्बत तुने जिसे ठुकरा दिया
तेरी खुदाई से ही थी दुनिया , जिसे तूने मिटा दिया
हर बनती उम्मीद पर टूटते कुछ ख्वाब, मुश्किल सवाल नामुमकिन से जवाब
बन कर मिटना या मिट कर बनना, बनाना खुद सा या उस जैसा ढलना
बेसबब मोहब्बत पर शर्तें फिर कसना, भूल सब कुछ हर भूल याद करना
खोया खुद को बस उसके हो के रह गए, थोड़ा रोये थोड़ा मुस्कुराते सह गए
झूटे नहीं तुम पर झूटा हर सच तेरा, वफ़ा के इनाम में वो हमें बेवफा कह गए
इबादात थी वो मेरी , मोहब्बत तुने जिसे ठुकरा दिया
तेरी खुदाई से ही थी दुनिया , जिसे तूने मिटा दिया
a puzzle yet unsolved
नामुमकिन थी हकीकत, तो ज़िन्दगी ख्वाब बना ली
छोटे से उस जहान में भी क्यों मजबूर हो गए
बिछड़ कर भी तय किये मीलों फासले पास आने
करीब आ कर क्यों दो किनारों जितना हम दूर हो गए
दूजे के भरोसे पे जीत ली थी दुनिया सारी
आपस में क्यों ये हौसले चूर हो गए
अपनों की परायी भीड़ में, एक अज़नबी नहीं पराया था
क्यों अपना बन कर , एक दूसरे को नामंजूर हो गए
छोटे से उस जहान में भी क्यों मजबूर हो गए
बिछड़ कर भी तय किये मीलों फासले पास आने
करीब आ कर क्यों दो किनारों जितना हम दूर हो गए
दूजे के भरोसे पे जीत ली थी दुनिया सारी
आपस में क्यों ये हौसले चूर हो गए
अपनों की परायी भीड़ में, एक अज़नबी नहीं पराया था
क्यों अपना बन कर , एक दूसरे को नामंजूर हो गए
i love my tears ohh 'the almighty' let it be mine
कोई रुसवाई, शिकायत, चाहत या आरज़ू नहीं मेरी
ऐ ज़िन्दगी मुझे आईने न दिखा
सूखी आँखों में कोई रंग, ख्वाब बाकी नहीं अब
ऐ ज़िन्दगी जगती रातों को न सुला
न मंज़िले सोच रखी हैं, न मील के पत्थरों से पहचान है
ऐ ज़िन्दगी मुझ पर मेरी आवारगी न जता
बस एक साया मेरे मानिंद, साथ मेरे भटकते कदम मिलाता है
कभी गिर पड़ता है साथ, कभी उठाने हाथ बढ़ाता है
कभी साथ आँखे नाम करता है , कभी तितलियों में ख़ुशी चुराता है
खुद से दूर होने की कोशिशों में जो, रफ्ता रफ्ता पास मेरे आता है
जो हो सके तो रहने दे उस साये को साथ ही मेरे
इस ख्वाब को हकीक़त की सुबह न दिखा
हँस लेने दे चटके कल की टूटी तस्वीरों पर
ऐ ज़िन्दगी अब किसी उम्मींदों में हमें न रुला
ऐ ज़िन्दगी मुझे आईने न दिखा
सूखी आँखों में कोई रंग, ख्वाब बाकी नहीं अब
ऐ ज़िन्दगी जगती रातों को न सुला
न मंज़िले सोच रखी हैं, न मील के पत्थरों से पहचान है
ऐ ज़िन्दगी मुझ पर मेरी आवारगी न जता
बस एक साया मेरे मानिंद, साथ मेरे भटकते कदम मिलाता है
कभी गिर पड़ता है साथ, कभी उठाने हाथ बढ़ाता है
कभी साथ आँखे नाम करता है , कभी तितलियों में ख़ुशी चुराता है
खुद से दूर होने की कोशिशों में जो, रफ्ता रफ्ता पास मेरे आता है
जो हो सके तो रहने दे उस साये को साथ ही मेरे
इस ख्वाब को हकीक़त की सुबह न दिखा
हँस लेने दे चटके कल की टूटी तस्वीरों पर
ऐ ज़िन्दगी अब किसी उम्मींदों में हमें न रुला
to one of the most precious soul of my life
न सितारा है वो मेरे फलक का, न ऐसा कि बिन उसके आँगन अँधियारा है
न हमसफ़र है राहों का मेरे, न ही सफ़र में मील का पथहर
कभी हंसी है देता, कभी आंसू लाता है
कुछ नाम में है जिन्दा, कुछ अहसास में आता है
कुछ क़दमों का साथ, अब तलक यही उससे पहचान है
वो बहता दरिया मैं भटकती हवा, सिवाए इसके हम अनजान हैं
पर खुशियाँ जाने क्यों उसके बिन, अधूरी सी होती हैं
कमतर होता है अँधियारा सँग उसके, वो न हो तो मंज़िल बेजरुरी होती है
नहीं मालूम
तू कौन है, क्या है , क्यों मेरी जिंदगी में आया
कभी धूप है तू , तो कभी घनी छाया
जब तलक साथ है तू , बटोर लेता हूँ यादे सारी
कब्र में सोचूँगा फुर्सत से, इसमें क्या खो दिया इसमें क्या पाया
न हमसफ़र है राहों का मेरे, न ही सफ़र में मील का पथहर
कभी हंसी है देता, कभी आंसू लाता है
कुछ नाम में है जिन्दा, कुछ अहसास में आता है
कुछ क़दमों का साथ, अब तलक यही उससे पहचान है
वो बहता दरिया मैं भटकती हवा, सिवाए इसके हम अनजान हैं
पर खुशियाँ जाने क्यों उसके बिन, अधूरी सी होती हैं
कमतर होता है अँधियारा सँग उसके, वो न हो तो मंज़िल बेजरुरी होती है
नहीं मालूम
तू कौन है, क्या है , क्यों मेरी जिंदगी में आया
कभी धूप है तू , तो कभी घनी छाया
जब तलक साथ है तू , बटोर लेता हूँ यादे सारी
कब्र में सोचूँगा फुर्सत से, इसमें क्या खो दिया इसमें क्या पाया
Wednesday, March 31, 2010
solved the unsolvable
यादों में बसा कर साँसों में समां कर
बातों में जिला कर या धड़कन बना कर
क्या तरीका होगा कि मोहब्बत तेरी
जीने मरने के फेरे से जुदा कर पाउँ
कोई मंजिल नही कोई हासिल नही
साथ तेरा बस चलने का सबब है मेरे
क्या तरीका होगा कि राही को अपने
सफर के बाद भी कभी यूँ ही संग चला पाउँ
कुछ मुझ सा कुछ उस जैसा दिखता है तू
कुछ चाहत मेरी कुछ मेरी इबादत है
क्या तरीका होगा होगा कि एका हो पाए
या खुदा बने इंसा या मैं खुदा हो पाउँ
मुमकिन नही लेकिन साँसो की डोर तोड़ पाना
मुश्किल है किसी राही को भी अपनी राह छोड़ पाना
क्या हो पाएगा खुदा भी मुझ सा मनमौजी
आवारगी को भी तेड़ा है खुदा हो जाना
तो चलो यूँ करते हैं
कि हो कर दूज़े का ख़ुद को धागों से आज़ाद करते हैं
किसी मोड़ पर तो एक होंगी ये दो राहें
चलते चलते कदमों में बस उसकी राह तकते हैं
सुना है न मैंने खुदा को न मुझको खुदा ने देखा
तो हम भी एक दूज़े को बस 'एक अजनबी' रहते हैं
तो हम भी एक दूज़े को बस ..........
बातों में जिला कर या धड़कन बना कर
क्या तरीका होगा कि मोहब्बत तेरी
जीने मरने के फेरे से जुदा कर पाउँ
कोई मंजिल नही कोई हासिल नही
साथ तेरा बस चलने का सबब है मेरे
क्या तरीका होगा कि राही को अपने
सफर के बाद भी कभी यूँ ही संग चला पाउँ
कुछ मुझ सा कुछ उस जैसा दिखता है तू
कुछ चाहत मेरी कुछ मेरी इबादत है
क्या तरीका होगा होगा कि एका हो पाए
या खुदा बने इंसा या मैं खुदा हो पाउँ
मुमकिन नही लेकिन साँसो की डोर तोड़ पाना
मुश्किल है किसी राही को भी अपनी राह छोड़ पाना
क्या हो पाएगा खुदा भी मुझ सा मनमौजी
आवारगी को भी तेड़ा है खुदा हो जाना
तो चलो यूँ करते हैं
कि हो कर दूज़े का ख़ुद को धागों से आज़ाद करते हैं
किसी मोड़ पर तो एक होंगी ये दो राहें
चलते चलते कदमों में बस उसकी राह तकते हैं
सुना है न मैंने खुदा को न मुझको खुदा ने देखा
तो हम भी एक दूज़े को बस 'एक अजनबी' रहते हैं
तो हम भी एक दूज़े को बस ..........
an awful joke
मैं तो जिंदा था कि
पूरी कर जाऊँ हर तमन्ना उसकी
उसने माँगा भी
तो मुझसे जुदाई माँगी
थाम हाथ साथ निभाता
बेमंज़िल राहों पर कदम मिलाता
बना साया मेरा पर उसने
अपने लिए खुदाई माँगी
साँसों को क्या डर था
धड़कन से बेवफाई का
जो अपनी हर मुस्कुराहट पर
मेरे आंसुओं कि कुर्बानी माँगी
उनसे जिंदा था मेरा वज़ूद
क्यों उन्हें ख़ुद पर नही यकीं
पहचानने खुद को परायी आँखों में
मुझसे मेरे होने कि निशानी माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
मिलाया मुझको मेरे अजनबी से
और मुझसे मेरी जुदाई माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
छिटके रंग सारे मेरी किताब में
और मुझसे मेरी कहानी माँगी
पूरी कर जाऊँ हर तमन्ना उसकी
उसने माँगा भी
तो मुझसे जुदाई माँगी
थाम हाथ साथ निभाता
बेमंज़िल राहों पर कदम मिलाता
बना साया मेरा पर उसने
अपने लिए खुदाई माँगी
साँसों को क्या डर था
धड़कन से बेवफाई का
जो अपनी हर मुस्कुराहट पर
मेरे आंसुओं कि कुर्बानी माँगी
उनसे जिंदा था मेरा वज़ूद
क्यों उन्हें ख़ुद पर नही यकीं
पहचानने खुद को परायी आँखों में
मुझसे मेरे होने कि निशानी माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
मिलाया मुझको मेरे अजनबी से
और मुझसे मेरी जुदाई माँगी
ज़िंदगी ने अच्छा मज़ाक किया
बहाना भी दिया बहाना भी किया
छिटके रंग सारे मेरी किताब में
और मुझसे मेरी कहानी माँगी
incomplete desire
एक हसरत थी की हसरत की हसरत बन पायें ,दुआ मेरी कभी मेरे नाम को सदायें दे
मेरे खुदा ने मेरी बातें तो रखी ,बस हर उस दुआ को हसरत बना दिया
एक हसरत थी की बस देखता रहूँ उसको डूबा, धड़कने बातें करें यूँ की साँसों के अल्फाज़ बने
खामोशी भी मिली, बातें भी हुई ,बस ख्वाबों को हकीकत ने फसाना सुना दिया
एक हसरत थी की यूँ ही, जरा फासले तक साथ चलें,कुछ दो निशनो को एक बना जायें
सफर भी मिला , निशान भी लगे बनने ,बस हवाओं ने लहरो को भी हमसफर बना दिया
एक हसरत थी की आखरी साँसे उसके दामन में बीतें,
और बची ज़िन्दगी को इन लम्हों का बहाना हो
बहाना भी वही ,तमन्ना भी वही,
बस उसने मेरी साँसों को अपना बता दिया
मेरे खुदा ने मेरी बातें तो रखी ,बस हर उस दुआ को हसरत बना दिया
एक हसरत थी की बस देखता रहूँ उसको डूबा, धड़कने बातें करें यूँ की साँसों के अल्फाज़ बने
खामोशी भी मिली, बातें भी हुई ,बस ख्वाबों को हकीकत ने फसाना सुना दिया
एक हसरत थी की यूँ ही, जरा फासले तक साथ चलें,कुछ दो निशनो को एक बना जायें
सफर भी मिला , निशान भी लगे बनने ,बस हवाओं ने लहरो को भी हमसफर बना दिया
एक हसरत थी की आखरी साँसे उसके दामन में बीतें,
और बची ज़िन्दगी को इन लम्हों का बहाना हो
बहाना भी वही ,तमन्ना भी वही,
बस उसने मेरी साँसों को अपना बता दिया
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